आम्हा घरी धन, शब्दांचीच रत्ने | शब्दांचीच शस्त्रे यत्न करु ||१||
शब्दचि आमुच्या जिवांचे जिवन | शब्द वांटुं धन जनलोका ||२||
तुका म्हणे पाहा शब्दचि देव | शब्देंची गौरव पुजा करु ||३||
http://www.youtube.com/watch?v=yfb0GKQ0A90
शब्दचि आमुच्या जिवांचे जिवन | शब्द वांटुं धन जनलोका ||२||
तुका म्हणे पाहा शब्दचि देव | शब्देंची गौरव पुजा करु ||३||
http://www.youtube.com/watch?v=yfb0GKQ0A90
No comments:
Post a Comment