कृष्णमूर्ती होय गे कळो आली सोय गे | प्राणाचाही प्राण | पाहतां सुख सांगुं काय गे ||१||
तुळसी माळ गळां गे कस्तुरीचा टिळा गे | अर्धांगी रुक्मिणी विंझणे वारीत गोपी बाळा गे ||धृ||
पीतांबराची कास गे | कसली सावकाश गे | नारद तुंबर गायन करिती पुढें निजदास गे ||३||
भक्त कृपेची माय गे वोळखिली विठाई गे | एका जनार्दनीं विटे जोडियेले पाय गे ||४||
krushnamurti krishna krushna hoy ge kalo aali soy ali ge gaulan gavalan sant eknath ekanath
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