पांवया छंदे तल्लीन गोविंदें | नाचती आनंदे गोपाळ कैसे ||धृ||
यमुनेचे तीरी गाई गाई चारी हरी | गोपाळ गजरी आनंदले ||२||
ठाई ठाई मातु पेंधा पै नाचतु | वाकुल्या दावितु हरीछंदे ||३||
ठाई ठाई उभ्या विसरल्या माया | हाकीतू लवलाह्या कृष्णहरी ||४||
ज्ञानदेवा जीवी कृष्ण चिरंजीवी | गोपाळ रंजवी प्रेमभक्ती ||५||
pavaya chhande chande tallin govinde nachati aanande anande gopal kaise

No comments:
Post a Comment