आवाहन

Friday, April 25, 2014



आल्या पांच गौळणी | पांच रंगाचे शृंगार करूनि ||धृ||
पहिली गौळण रंग सफेत | जशी चंद्राची ज्योत | गगनीं चांदणी लखलखीत |
ऐका तिची मात | मंथन करीत होती दारांत | धरुनी कृष्णाचा हात |
ऐशा आल्या पांच गौळणी ||२||
दुसरी गौळण भाळीभोळी | रंग हळदीहुनि पिवळी | पिवळा पीतांबर नेसुनी आली |
अंगी बुट्टेदार चोळी | एक लहान तनु उमर कवळी | जशी चाफ्याची कळी |
ऐशा आल्या पांच गौळणी ||३|| 
तिसरी गौळण रंग काळा | नेसुनी चंद्रकळा | काळें काजळ लेऊनि डोळा |
रंग तिचा सांवळा | काळी गरसोळी लेऊनि गळां | आली राजस बाळा |
ऐशा आल्या पांच गौळणी ||४||
चौथी गौळण रंग लाल | लाल लाल ही लाल | कपाळीं कुंकुम चिरी लाल |
भांगी भरून गुलाल | मुखीं विडा रंग लाल | जसें डाळिंबीचें फुल |
ऐशा आल्या पांच गौळणी ||५||
पांचवी गौळण हिरवा रंग | जसें आरशात जडलें भिंग | फुगडी खेळतां कृष्णासंग |
एकनाथ अभंग | ऐशा आल्या पांच गौळणी ||६||

aisha aaisha esha aalya panch gaulani gavalani panch pach rangache shrungar karuni 

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