आवाहन

Friday, April 25, 2014



बांधोनिया शिखा हिशोबाचे मिसें | एकनाथ बैसे महाद्वारी ||१||
जातां मार्गावरुनी पाहे निजदृष्टी | होतसे कष्टी रुक्यालागी ||२||
स्वभावें बोलिलें हास्यमुख वचन | प्रपंच्याकारण महादु:ख ||३||
निळा म्हणे ऐसा उपदेश शब्द | ऐकताचि बोध मना झाला ||४||

bandhoniya shikha hishobache mise eknath baise mahadwari

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