आवाहन
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Sunday, April 6, 2014
भोगें घडे त्याग ।
त्यागें अंगा येती भोग ॥1॥
ऐसें उफराटें वर्म ।
धर्मा अंगींच अधर्म ॥ध्रु.॥
देव अंतरे तें पाप ।
खोटे उगवा संकल्प ॥2॥
तुका म्हणे भीड खोटी ।
लाभ विचाराचे पोटीं ॥3॥
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