आवाहन

Sunday, April 27, 2014


रात्री काळी घागर काळी | यमुनाजळें ही काळी वो माय ||१||
बुंथ काळी बिलावर काळी | गळां मोती एकावळी काळी वो माय ||धृ||
मी काळी कांचोळी काळी | कांस कांसिली ते काळी वो माय ||३||
एकली पाणिया नच जाय साजणी | सवें पाठवा मूर्ति सांवळी वो माय ||४||
विष्णुदास नाम्याची स्वामिनी काळी | कृष्णमूर्ति बहु काळी वो माय ||५||

ratr ratri kali kaali ghagar kali yamunajale yamuna jale kali vo maay 

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