तळवे तळहात टेंकित | डाव्या गुडघ्यानें रांगत |
रंगणी रंगनाथ | तो म्या देखिला सये ||१||
गवळण जसवंती पैं सांगे | आलें या कृष्णाचेनि मागे |
येणें येणें वो श्रीरंगें | नवनीत माझें भक्षिलें ||धृ||
एक्याहातीं लोण्याचा कवळू | मुख माखिलें आळूमाळू |
चुंबन घेता येतो परिमळू | नवनीताचा गे सये ||३||
येणें माझें कवाड उघडिलें | येणें शिंकें हो तोडिलें |
दह्यादुधातें भक्षिलें | उलंडिलें ताकातें ||४||
ऐसें जरी मी जाणतें | यमुना पाणिया नच जातें |
धरुनी खांबासी बांधितें | शिक्षा लावितें गोविंदा ||५||
ऐसा पुराणप्रसिद्ध चोर | केशव नाम्याचा दातार |
पंढरपुरी उभा विटेवर | भक्त पुंडलिकासाठी ||६||
talave talhaat talahat tekit davya gudaghyane rangat rangani ranganath to mya dekhila saye
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