पताकांचे भार वैष्णव नाचती | रामकृष्ण गाती नामावळी ||१||
शालिवाहन शके पंधराशे अकरा | विजय संवत्सरा फाल्गुनमास ||धृ||
उत्तम हे तिथी षष्टी रविवार | प्रयाण साचार दोन प्रहरीं ||३||
निळा म्हणे ऐशा नामाच्या गजरीं | समाधी गोजिरी प्रतिष्ठानी ||४||
संत एकनाथ महाराज निर्याण फाल्गुन वद्य ६ शके १५११,श्री क्षेत्र पैठण
patakanche bhar vaishnav nachati ram krushna gati namavali shalivahan shake pandharashe akara vijay sanvatsara falgun mas samadhi sohala sant ekanath maharaj
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