आवाहन

Friday, April 25, 2014

संत एकनाथ महाराज निर्याण फाल्गुन वद्य ६ शके १५११,श्री क्षेत्र पैठण



आणिक ग्रंथ हे प्रमाण अष्टोतरशें | वदीलें स्वरसें गुरुकृपें ||१||
रामायण अद्भुत सप्तकांड साचार | तंव प्रयाण विचार आरंभिला ||२||
समाधी सुखाचा सोहळा अपार | होतो जयजयकार प्रतिष्ठानी ||३||
निळा म्हणें ऐसा ब्रह्मानंद झाला | आनंदी लोटला आनंदाची ||४||

संत एकनाथ महाराज निर्याण फाल्गुन वद्य ६ शके १५११,श्री क्षेत्र पैठण

 aanik granth he praman ashtotarase vadile swarase gurukrupe samadhi sohla sohala sant ekanath shantibrahm shantibramha

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