माझा कृष्ण देखिला काय | कुणीतरी सांगा गे ||धृ||
हाती घेउनिया फुल | अंगणीं रांगत आलें मूल |
होतें सारवत मी चूल | कैसी भूल पडियेली ||धृ||
माथां शोभे पिंपळपान | मेघवर्ण ऐसा जाण |
त्याला म्हणती श्रीभगवान | योगी ध्यान विश्रांती ||३||
संगे घेउनी गोपाळ | बाळ खेळे अळूमाळ |
पायीं पोल्हारे झळाळ | गळां माळ वैजयंती ||४||
एका जनार्दनीं माय | घरोघरांप्रती जाय |
कृष्णा जाणावें तें काय | कोणी तरी सांगा गे ||५||
maza krushn krishn krishna krushna dekhila ky kay kunitari sanga ge
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