गौळणी सांगती गाऱ्हाणी | रात्रीं आला चक्रपाणि |
खाऊनि दहीं दुध तूप लोणी | फोडिलीं अवघी विरजणी |
हा गे बाई कोणासी आवरेना ||१||
यशोदे बाळ तुझा कान्हा | कोठवर सोसूं धिंगाणा ||धृ||
दुसरी आली धांवत | यानें बाई काय केली मात |
मुखासी मुखचुंबन देत | गळ्यामधीं हात घालीत |
धरु जातां सांपडेना ||३||
तिसरी आली धांवूनि | म्हणे गे बाई काय केली करणी |
पतीची दाढी माझी वेणी | दोहोंसी गांठ देऊनि |
गांठ बाई कोणा सुटेना ||४||
मिळोनी अवघ्या गौळणी | येतीं नंदाच्या अंगणीं |
जातों आम्ही गोकूळ सोडोनी | आमुच्या सुना घेउनी |
हें बाई आम्हासी पहावेना ||५||
ऐसी ऐकतां गाऱ्हाणी | यशोदे नयनीं आलें पाणी |
कृष्णा खोडी दे टाकुनी | एका जनार्दनीं चरणी |
प्रेम तया आवरेना ||६||
gaulani gavalani sangati garhani ratri aala chakrapani khaoni khavuni dahi dudh tup loni fodili avaghi virajani ha ge bai konasi aawarena aavarena avarena awarena
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