श्री हनुमंत जन्मकाळ अभंग क्र.८
पिंड घारीने झडपिला | अंजनीने तो सेविला ||१||
अंजनीच्या तपासाठीं | महारुद्र आले पोटी ||धृ||
चैत्र शुध्द पौर्णिमेसी | सूर्योदय समयासी ||३||
महारुद्र प्रगटला | नामा म्हणे म्या वंदिला ||४||
(गुलाल युक्त पुष्पवृष्टी करून भजन करणें)
pind gharine zadpila zadapila anjanine to sevila hanumant hanumaan hanuman maruti
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