आवाहन

Monday, April 28, 2014

गोपाळांसी खेळती | आनंदें डोलती |
कृष्ण आमुचा सांगाती | डो डो डो डो डो ||१||
कान्होबाची संगती | ब्रम्हादिक इच्छिती |
धन्य आम्हां म्हणविती | अ ल ल ल ल ||धृ||
कृष्णाप्रती गोपाळ | म्हणताती सकळ |
अकळशी नाकळ  | हा त त त त ||३||
मामा मारुं गेलासी | आपटिलें गजासी |

मल्लयुद्ध खेळलासी | हु तू तू तू तू ||४||
अजगर मारिला | वडवानळ गिळिला |

गोवर्धन उचलिला | अ ब ब ब ब ||५||

पुतनेसी शोषिले | नारदासी मोहिलें |
गणिकेसी उद्धरिले | अ रे रे रे रे ||६||
गौळीयांचे घरां जाशी | दहीं दुध लोणी खाशी |

त्यांच्या सुना भोगिशी | छि छि छि छि छि ||७||
सोळा सहस्त्र भोगिशी | ब्रम्हचारी म्हणवीशी |
लटिकेंचि ठकविशी | कु लू लू लू लू ||८||
सोडूनियां मी पण | आम्हां घाली लोटांगण |
परब्रम्ह नारायण | आ हा हा हा हा ||९||
ऐसे तुझे पवाडे | वर्णिताती वाडेंकोडें |
विष्णुदास नामा म्हणे | यु यु यु यु यु ||१०||

   gopalansi khelati dolati krushna krishna aamucha sangati

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