आवाहन

Monday, April 7, 2014


झाले रामराज्य काय ऊणे आम्हासी।।धरणी धरी पिक गायी वोळील्या म्हैसी  ।।१।।
राम वेळोवेळा आम्ही गाऊ ओवीये।।दळीता कांडीता जेविता गे बाईये  ।।धृ।।
स्वप्नीही दु:ख कोणी न देखे डोळा।।नामाच्या गजरे भय सुटले कळीकाळा  ।।३।।
तुका म्हणे रामे सुख दिलें आपुलें।।तया गर्भवासी येणे जाणे खुंटले  ।।४।।

                                         अभंग क्र.३६५१(शिरवळकर )

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